सौरभ वीपी वर्मा
जिस मनरेगा द्वारा सरकार ने गांव के लोगों को रोजगार मुहैया कराने की योजना तैयार की थी उसे जिम्मेदार लोगों द्वारा अपनी जागीर समझ ली गई है और उस मद में आने वाले बजट को कमीशन खोरी में खर्च करके धन का बंदरबांट कर दे रहे हैं ।
ताजा मामला बस्ती जनपद के रुधौली ब्लॉक का है जहां पर एक प्रधान प्रतिनिधि ने खंड विकास अधिकारी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि मनरेगा के कार्यों की स्वीकृति के लिए बीडीओ द्वारा 7 प्रतिशत कमीशन लिया जाता है तब जाकर काम मिलता है । प्रधान प्रतिनिधि ने कहा कि कार्ययोजना तैयार होने के बाद खंड विकास अधिकारी द्वारा पहले 4 प्रतिशत कमीशन लिया जाता है तब काम को स्वीकृति मिलती है उसके बाद काम होने के बाद 3 प्रतिशत कमीशन और देना पड़ता है ।
प्रधान प्रतिनिधि ने बताया कि पैसे की वसूली ब्लॉक के कर्मचारी संतोष और विजय नाम के लोग करते हैं और जब उनसे कमीशन में कुछ कम लेने को कहा जाता है तब वे लोग कहते हैं कि जाकर बीडीओ साहब को सीधा दे दो हम कम लेंगे तो हमें अपनी जेब से देना पड़ेगा ।प्रधान प्रतिनिधि ने कहा कि खुले आम प्रधान यह बात नही बोलते हैं लेकिन 4 से 7 प्रतिशत सीधा कमीशन लिए जाने की इस प्रथा से ज्यादातर प्रधान पीड़ित हैं ।