नए फैसले के मुताबिक 1 जनवरी को 18 साल की आयु पूरी करने वाले युवा मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करवाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा वोटर आईडी कार्ड में नाम जुड़वाने के लिए वे साल में कुल 4 बार आवेदन दे सकते हैं। पहले यह व्यवस्था साल में एक बार के लिए थी जिससे वोटर आईडी कार्ड में नाम जुड़वाने के लिए युवाओं को पूरे 1 साल इंतजार करना पड़ता था। सरकार के इस फैसले से वोटर्स की संख्या बढ़ेगी।
चुनावी संबंधी कानून को लैंगिक रूप से न्यूट्रल बनाना
वोटर आईडी कार्ड को लेकर सरकार का एक और महत्वपूर्ण फैसला ये है कि अब वोटर आईडी कार्ड में पत्नी शब्द हटाकर जीवनसाथी शब्द का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे सर्विस वोटर के पत्नी या पति को वोट डालने के लिए सुविधा होगी। उन्हें वोट डालने के लिए आम आदमी से अलग हट कर विशेष सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। बता दें कि सर्विस वोटर उसे कहा जाता है जो दूर-दराज के इलाके में तैनात सैनिक हो या विदेश में स्थित भारतीय मीशन का हिस्सा हों।
चुनाव कराने के लिए आयोग किसी भी परिसर को ले सकता है
इस फैसले के तहत चुनाव आयोग चुनाव में लगे कर्मचारियों और सुरक्षाबलों को ठहराने के लिए या फिर चुनाव संबंधित सामग्री रखने के लिए किसी भी परिसर की मांग कर सकता है। इससे चुनाव में ड्यूटी कर रहे कर्मचारियों को सुविधा होगी।