इनमें सबसे अधिक दिल्ली में 8, उत्तर प्रदेश (UP) में 4, पश्चिम बंगाल एवं ओडिशा में 2-2 तथा कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश में एक-एक फर्जी विश्वविद्यालय हैं
सार्वजनिक सूचना के अनुसार, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम 1956 के अनुच्छेद 22 (1) के अनुसार, केंद्रीय, राज्य, प्रांतीय अधिनियम के तहत स्थापित विश्वविद्यालय अथवा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अनुच्छेद 3 के तहत स्थापित मानद विश्वविद्यालय ही उपाधि प्रदान कर सकते हैं, जिन्हें संसदीय अधिनियम द्वारा उपाधि प्रदान करने के लिये विशेष रूप से अधिकार दिया गया है.
उत्तर प्रदेश से सूची में दर्ज फर्जी विश्वविद्यालयों में गांधी हिन्दी विद्यापीठ प्रयाग , नेशनल यूनिवर्सिटी आफ इलेक्ट्रो कम्प्लेक्स होम्योपैथी कानपुर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस यूनिवर्सिटी अलीगढ़ और भारतीय शिक्षा परिषद फैजाबाद शाामिल हैं.
फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची में दिल्ली में आल इंडिया इंस्टीट्यूट आफ पब्लिक फिजिकल हेल्थ साइंस यूनिवर्सिटी, कमर्शियल यूनिवर्सिटी लिमिटेड, यूनाइटेड नेशन्स यूनिवर्सिटी, वॉकेशनल यूनिवर्सिटी, एडीआर सेन्ट्रिक ज्यूरिडिकल यूनिवर्सिटी, इंडियन इंस्टीट्यूट आफ साइंस एंड इंजीनियरिंग, विश्वकर्मा ओपन यूनिवर्सिटी फार सेल्फ एम्प्लायमेंट इंडिया और आध्यात्मिक विश्वविद्यालय शामिल हैं.