ऐसा ही मामला सल्टौआ विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय धवरपारा में देखने को मिला है जहां पर अभिभावकों की शिकायत थी कि स्कूल की प्रधानाध्यापक संध्या गौड़ प्रतिदिन स्कूल नही आती हैं और जब आती हैं तब उनके आने और जाने का कोई समय निर्धारित नही है । हमारे प्रतिनिधि ने 8 बजकर 10 मिनट पर स्कूल में पहुंच कर वहां की स्थिति की पड़ताल किया तब स्कूल में करीब 50 बच्चों की उपस्थिति थी एवं प्रधानाध्यापिका की मौजूदगी नही थी ।
8 बजकर 14 मिनट पर स्कूल में प्रार्थना हो रहा था इस दौरान स्कूल में नामांकित 165 बच्चों में से महज 34 बच्चों की ही मौजूदगी थी ,इस दौरान और बच्चे भी आते हुए दिखाई दे रहे थे । 8 बजकर 20 मिनट पर बच्चों का एक और झुंड देखने को मिला जो टहलते घूमते हुए स्कूल की तरफ आ रहे थे 8 बजकर 26 मिनट तक स्कूल के हेड मास्टर उपस्थित नही थी ।
ऐसी स्थिति को देखने के बाद सवाल पैदा होता है कि आखिर सरकार द्वारा जिन्हें अच्छी तनख्वाह मिल रहा है ,स्कूल को सजाने संवारने एवं बच्चों में शैक्षणिक योग्यता को भरने की जिम्मेदारी मिला हुआ है तब आखिर इस तरह से लापरवाही क्यों हो रहा है ।आखिर बच्चों का जो भविष्य खराब हो रहा है उसकी जवाबदेही कौन तय करेगा ?
इस सबंध में खंड शिक्षा अधिकारी अभिमन्यु कुमार से बात हुई तो उन्होंने कहा कि यह लापरवाही का मामला सामने आया है इस मामले को हम देखेंगे ।