सौरभ वीपी वर्मा
ग्रामीणों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश जल निगम द्वारा वर्ष 2018-19 में रामनगर ब्लाक के बेइली ग्राम पंचायत में 1 करोड़ 84 लाख रुपया खर्च करके ओवरहेड टैंक का निर्माण करवाया गया जिसके जरिए ग्राम पंचायत के 5 राजस्व गांव में लगभग 15 किलोमीटर पाइप लाइन के जरिए हर घर में स्वच्छ पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया लेकिन जल निगम की उदासीनता के चलते ग्राम पंचायत के लोगों को आज तक स्वच्छ पेयजल नहीं मिल पाया ।
ग्रामीणों ने बताया कि जब पानी की टंकी बनकर तैयार हुआ तब ग्राम वासियों को स्वच्छ पेयजल मिलने का उम्मीद दिखाई पड़ा लेकिन ट्रायल के बाद से गांव में पानी जाना पूरी तरह से बंद हो गया है , ग्रामीणों ने बताया कि घटिया क्वालिटी की पाइप लाइन बिछाई जाने के कारण पानी की सप्लाई होने के बाद पाइप जगह-जगह फट जाती है जिसके कारण गांव में पानी नहीं पहुंच पा रहा है ,अब हालात ये है कि गांव में लगाई गई इतनी बड़ी महत्वाकांक्षी योजना बंद पड़ी हुई है।
बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा 10 वर्ष पूर्व गांव के लोगों को मिलने वाले पानी के स्रोत पर व्यापक पैमाने पर सर्वे कराया गया जिसमें पता चला कि गांव में लगाये गए हैंडपंप से भी ग्रामीणों को स्वच्छ पेय जल नही मिल पा रहा है ,पानी के जांच के नमूने में पता चला कि ग्रामीणों को अनेक स्रोतों से मिलने वाला पानी दूषित हैं जिसमें आर्सेनिक, आयरन, क्लोराइड, फ्लोराइड सहित अन्य तत्व पाए गए थे यह खुलासा होने के बाद बड़े पैमाने पर गांवों में ओवर हेड टैंक बनाकर नागरिकों को स्वच्छ पेय जल उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया लेकिन ग्राम पंचायत बेइली के पांच राजस्व गांव बेइली , टेढ़ीकुइयां , रीठिया ,हथियवा एवं पिपरा गांव में 1 करोड़ 84 लाख 83 हजार रुपया खर्च करने के बाद भी आज तक स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने का सपना पूरा नही हो पाया ।