सौरभ वीपी वर्मा
बस्ती - ग्राम पंचायत के लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सरकार द्वारा कई प्रकार की योजनाओं को ग्राम पंचायत में लागू किया जाता है , जिसमें से एक सबसे महत्वपूर्ण योजना हैंडपंप है , हैंडपंप ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने का सबसे बड़ा स्रोत है , लेकिन अब हैंडपंप भ्रष्टाचार का एक सबसे बड़ा माध्यम भी बन गया है , जिसके जरिये कुछ गांव के प्रधान एवं सचिव हैंडपंप मरम्मत एवं रिबोर के नाम पर ग्राम पंचायत के धन को बंदरबांट करने के उद्देश्य से बिना काम कराए ही पैसे का भुगतान कर ले रहे हैं।बस्ती जनपद के रुधौली विकासखंड के बखरिया ग्राम पंचायत में हैंडपंप मरम्मत के नाम पर ग्राम प्रधान एवं सचिव ने 3 बार में करीब 2 लाख रुपये का भुगतान लिया उसके बाद भी ग्राम पंचायत में दर्जनों हैंडपंप बेकार एवं बंद पड़े हुए हैं , ग्राम पंचायत में स्थापित हैंडपंप को देखने के बाद ऐसा लग रहा था जैसे वर्षों से उनपर कोई काम नही हुआ है उसके बाद भी सितंबर 2022 में एक साथ 20 हैंडपंप के मरम्मत के नाम पर 1 लाख 17 हजार 600 रुपये का भुगतान लिया गया ।इसी महीने में हैंडपंप मरम्मत के नाम पर 15800 का भुगतान और लिया गया लेकिन ग्राम पंचायत में स्थापित हैंडपंप से पेय जल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है । इतना ही नही ग्राम पंचायत में लगे हैंडपंप के मरम्मत के नाम पर अगस्त 2021 में 73,500 रुपये का एक और भुगतान लिया गया है ।
ग्रामीणों से बातचीत करने पर पता चला कि ग्राम पंचायत द्वारा करीब 1 वर्ष पूर्व कुछ हैंडपंप का मरम्मत करवाया गया लेकिन ग्राम पंचायत में स्थापित अधिकतर हैंडपंप पर कोई कार्य नही हुआ , लोगों ने बताया कि ग्राम पंचायत में करीब अधिकतर हैंडपम्प ऐसे हैं जो काफी देर तक चलाने के बाद पानी देता है । प्रधान सईद अहमद एवं सचिव शैलेन्द्र त्रिपाठी से बात हुई तो इन लोगों ने बताया कि ग्राम पंचायत में 43 हैंडपंप लगे हैं जिसमें कई नल अभी तक नही बन पाए हैं । ऐसी स्थिति में यह भी सवाल खड़ा होता है कि हैंडपंप मरम्मत के नाम पर ग्राम पंचायत में 1 वर्ष के अंदर 2 लाख 6 हजार 9 सौ रुपये का जो भुगतान हुआ है उससे कितने हैंडपंप बनाये गए ,क्या ग्राम पंचायत में स्थापित सभी हैंडपंप पहले से खराब थे या पैसे का बंदरबांट करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया गया है ।