सौरभ वीपी वर्मा
मामला उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद के सल्टौआ विकास खण्ड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमरौली शुमाली की है जहां पर 5 करोड़ रुपये की लागत से 30 बेड का अस्पताल बनाया गया है । वैसे तो यह अस्पताल वर्ष 2014 में बनना शुरू हुआ था लेकिन भ्रष्टाचार एवं लापरवाही के चलते इस अस्पताल को 2019 में जनता को समर्पित किया गया लेकिन उसके बाद भी इस क्षेत्रों में रहने वाले लाखों लोगों के लिए यह दुर्भाग्य का विषय है कि आज तक अस्पताल में डॉक्टर , बिजली की व्यवस्था ,इन्वर्टर बैटरी एवं आदि आवश्यक जरूरतों की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति नही हो पाई ।
अस्पताल में प्रसव कराने पहुंचे भिरियां निवासी राजू गुप्ता ने बताया कि उनकी पत्नी का प्रसव समय नजदीक था जिन्हें लेकर हम अस्पताल पहुंचे लेकिन अस्पताल में बत्ती गुल थी और वहां टार्च एवं मोमबत्ती जलाकर उजाले की व्यवस्था बनाने का प्रयास किया गया ।
इस अव्यवस्था पर पिटाउट ग्राम पंचायत के प्रधान रविन्द्र चौधरी ने कहा कि अस्पताल में जो अव्यवस्था है उसकी वजह से यहां के लोगों को बेवजह 10 से 20 किलोमीटर मामूली इलाज एवं प्रसव कराने के लिए जाना पड़ता है उन्होंने कहा कि जिम्मेदार लोगों को तत्काल प्रभाव इस अव्यवस्था को दूर करने की जरूरत है।
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एडवोकेट रवि सिंह ने कहा कि यह स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही है कि जिस अस्पताल को बनाने के लिए 5 से 6 करोड़ रुपया खर्च किया गया वहां 24 घंटे बल्ब जलने की कोई ठोस व्यवस्था के इंतजाम पर बल नहीं दिया गया , उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों एवं जिला प्रशासन को इस मामले की गंभीरता को लेते हुए तत्काल अस्पताल में बिजली की उपलब्धता की व्यवस्था करनी चाहिए।
इस मामले में चिकित्सा अधिकारी आनंद मिश्रा से बात हुई तो उन्होंने बताया कि अस्पताल में बिजली की जो अव्यवस्था हुई है उसकी जानकारी आज ही हमें हुई है और इस बात की जानकारी हमने उच्चाधिकारियों को पत्र के माध्यम से अवगत करा दिया है । उन्होंने कहा कि अस्पताल में लाइट की व्यवस्था 24 घन्टे रहे उसकी व्यवस्था शीघ्र ही कर दी जाएगी ।