सौरभ वीपी वर्मा
भानपुर/ बस्ती - इंसेफेलाइटिस व अन्य जलजनित बीमारियों के रोकथाम के लिए वर्ष 2013 -14 में ग्रामीण क्षेत्रों के लिए टीटीएसपी (टैंक टाइप स्टैंड पोस्ट) योजना लागू हुई थी इसके तहत भानपुर तहसील क्षेत्र के सल्टौआ गोपालपुर विकास खंड के 27 ग्राम पंचायतों में टीटीएसपी का निर्माण हुआ था लेकिन निरंकुशता और भ्रष्टाचार के चलते गांव के लोगों को एक कटोरी पानी नसीब नहीं हुआ और करोड़ो रूपये की लागत से बनी योजना ध्वस्त हो गई ।
टीटीएसपी का निर्माण वर्ष 2013-14 में जनपद के लगभग 400 इंसेफेलाइटिस प्रभावित ग्रामपंचायतों में हुआ था जिसमे से सल्टौआ ब्लॉक के 27 ग्राम पंचायतों में भी इसका निर्माण हुआ था लेकिन घटिया निर्माण एवं एवं देखरेख की अभाव में विकास खंड के 27 ग्राम पंचायतों में बने टीटीएसपी में से 26 ग्राम पंचायतों की योजना बिना प्रयोग के ही धस्वत हो गई वहीं मात्र एक ग्राम पंचायत सिसवारी में चल रही टीटीएसपी भी रिसाव एवं अन्य कारणों से बंद हो गया जिससे गांव के लोगों को साफ पानी पीने का नसीब नहीं हो पाया।
सल्टौआ ब्लॉक के अमरौली शुमाली, पिटाउट , फेरसम ,कोठिला( अब नगर पंचायत) दसिया ,मनवा ,सेखुई ,सिसवारी ,बसडीला ,जिनवा, सूरतगढ़ , गोरखर , बंगरिया ,बालेडीहा समेत 27 इंसेफेलाइटिस गांवों में इस तरह के पानी की टंकी का निर्माण हुआ था लेकिन साफ पानी पीने के उद्देश्य से लगाये गए टीटीएसपी बिना चले ही ध्वस्त हो गया और देखते ही देखते वह ढहने के करीब पहुंच गया।
स्वच्छ पेय जल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से हुआ था टीटीएसपी का निर्माण
विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं भारत सरकार द्वारा भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को दूषित पानी से मुक्ति दिलाने के लिए इस योजना की शुरुआत किया गया था । इस योजना को क्रियान्वित करने के लिए बस्ती मंडल में सबसे पहले स्वास्थ्य विभाग उसके बाद जल निगम को इसके देख रेख की जिम्मेदारी सौंपी गई लेकिन जल निगम ने आज तक गांवों में निर्मित पानी टंकियों को देखने और जमीन पर उसके उद्देश्य की पूर्ति को जानने की जहमत नहीं उठाया जिसका परिणाम है कि करोड़ो रूपये की लागत से बने पानी की टंकी से आज तक एक बूंद पानी पीने का नसीब नही हुआ।
टाइल्स के नाम पर डकार लिया गया धन
कई गांव के स्थानीय लोगों द्वारा इसकी शिकायत करने पर जिम्मेदारों की आंख खुली तो पानी टंकी में टाइल्स लगाने की बात कही गई उसके बाद ग्राम पंचायत के सभी 27 गांवों में टीटीएसपी पर टाइल्स लगाने का काम शुरू हुआ लेकिन टाइल्स के नाम पर भी इस योजना में धन को डकार लिया गया क्योंकि न ही टाइल्स लगने के बाद रिसाव बंद हुआ और न ही योजना अपने उद्देश्य की तरफ बढ़ पाया।
दस साल बाद योजना की स्थिति देखने के जो लापरवाही जिम्मेदार लोगों का दिखाई देता है इससे लगता है कि जनता के धन को बंदरबांट करने एवं बर्बाद करने के सिवा अधिकारियों और स्थानीय जिम्मेदारों के पास न तो कोई जिम्मेदारी है न ही जवाबदेही।
इस संबंध में उप जिलाधिकारी भानपुर अतुल आनंद से बात हुई तो उन्होंने कहा कि यह योजना स्वास्थ्य विभाग की देखरेख में था , विभागीय अधिकारियों से वार्ता करने के बाद इसकी जांच करवाई जाएगी और यह पता लगाया जाएगा कि आखिर अभी तक पानी सप्लाई शुरू क्यों नहीं हो पाया है।