कनाडा और भारत के रिश्ते पिछले कुछ सालों से काफी तनावपूर्ण रहे हैं. लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि इस रिश्ते में और भी ज्यादा कड़वाहटें बढ़ने वाली हैं.
दरअसल, हरदीप सिंह निज्जर की ब्रिटिश कोलंबिया के सर्रे में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई. उसकी हत्या इस साल जून के महीने में 18 तारीख को हुई. हत्या के बाद से ही कनाडा में खालिस्तान समर्थक समहूों ने भारत की तरफ उंगली उठाना शुरू कर दिया. यही वजह रही कि ट्रूडो ने कहा, 'कनाडा की धरती पर किसी कनाडाई नागरिक की हत्या में किसी विदेशी सरकार का जुड़ा होना हमारी संप्रभुता उल्लंघन है.' ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर हरदीप सिंह निज्जर कौन था?
कौन था हरदीप सिंह निज्जर जिसको लेकर दोनों देशों में आई दरारें ?
पंजाब पुलिस के डोजियर के मुताबिक, हरदीप सिंह निज्जर जालंधर के भारसिंह पुरा गांव का रहने वाला था. वह 1996 में कनाडा चला गया. कनाडा पहुंचने पर निज्जर ने एक पलंबर के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की. हालांकि, उसका इस काम में मन नहीं लग रहा था, क्योंकि उसे खालिस्तानी गतिविधियों में ज्यादा दिलचस्पी थी. यही वजह थी उसने सिख अलगाववादी ग्रुप 'सिख फॉर जस्टिस' (SJF) का दामन थाम लिया. भारत में SJF पर बैन लगा हुआ है.
गुरपतवंत सिंह पन्नू के बाद निज्जर SJF का दूसरे नंबर का नेता था. पिछले कुछ सालों में उसका नाम तेजी से चर्चाओं में आने लगा. खालिस्तान समर्थक गतिविधियों में शामिल होने की वजह से उसकी दौलत में भी इजाफा हुआ. जगतार सिंह तारा के नेतृत्व वाले बब्बर खालसा इंटरनेशनल का मेंबर बनने के साथ ही निज्जर की आतंकी गतिविधियों की शुरुआत हो गई. आगे चलकर उसने 'खालिस्तान टाइगर फोर्स' (KTF) के तौर पर अपना खुद का एक ग्रुप बना लिया.
निज्जर ने भारत में खालिस्तानी समर्थकों की पहचान करने, उन्हें ट्रेनिंग देने और फंडिंग करने का काम किया. इसकी वजह से उसके ऊपर 10 से ज्यादा एफआईआर भी दर्ज है. 2014 में स्वयंभू आध्यात्मिक नेता बाबा भनियारा की हत्या की साजिश रची थी. 2015 में उसने मनदीप सिंह धालीवाल के लिए कनाडा में ट्रेनिंग कैंप लगाया. मनदीप को पंजाब में शिवसेना नेताओं को निशाना बनाने भेजा गया. मगर मनजीप जून 2016 में पुलिस के हत्थे चढ़ गया.
नवंबर 2020 में निज्जर ने साथी गैंगस्टर अर्श दल्ला के साथ हाथ मिला लिया. अर्श भी विदेश में ही रह रहा था. दोनों ने मिलकर डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी मनोहर लाल की हत्या करवा दी. इस हत्या को 2021 में भठिंडा में अंजाम दिया गया ।
विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए बयान में कहा गया, 'भारत में कनाडा के हाई कमिश्नर को आज बुलाया गया. उन्हें बताया गया कि भारत ने नई दिल्ली में मौजूद एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को देश छोड़कर जाने को कहने का फैसला किया है. राजनयिक को पांच दिनों के भीतर भारत छोड़कर जाने को कहा गया है.' विदेश मंत्रालय ने आगे कहा, 'ये फैसला हमारे आंतरिक मामलों में कनाडाई राजनयिकों के हस्तक्षेप और भारत विरोधी गतिविधियों में उनकी भागीदारी पर भारत सरकार की बढ़ती चिंता को दिखाता है.'