सौरभ वीपी वर्मा
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शर्म से तो झुक ही जाना चाहिए अगर शर्म न आती हो तो बेशर्मी तो कोई भी कर सकता है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस तरह से घटिया शब्दों का इस्तेमाल नही करना चाहिए जिससे संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति की हंसी हंसारत हो , भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 10 साल के अपने कार्यकाल में हुए कार्यों के बारे में बताना चाहिए लेकिन दो पंचवर्षीय की पूर्ण बहुमत की सत्ता चलाने के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेता बार-बार कांग्रेस को ही कोसते नजर आ रहे हैं ।
क्या भारतीय जनता पार्टी के पास कोई ऐसा मुद्दा नहीं है जिससे वह राजनीतिक अखाड़े में अपनी बातों को जनता के बीच में रख सकें? ऐसा लगता है कि झूठ की बुनियाद पर खड़ी भारतीय जनता पार्टी केवल लोगों को गुमराह कर वोट हासिल करना चाहती है । लगभग साढ़े सात दशक का समय बीत चुका है जब यह देश आजाद हुआ उसके बाद अधिकांश समय तक कांग्रेस ने ही इस देश की सत्ता को संभाला है हमें तो नहीं लगता कि कांग्रेस ने किसी महिला का सोना , गहना और मंगलसूत्र छीन लिया हो , किस मंगलसूत्र को छीनने की बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं ? क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नहीं पता है कि कांग्रेस की इंदिरा गांधी और सोनिया गांधी ने अपने मंगलसूत्र का कुर्बानी देश में कर दिया है । सच तो यह है कि भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी के पास 10 साल का कोई उपलब्धि ही नहीं रहा है अगर ऐसा कुछ होता तो जनता के बीच में जाकर अपनी 10 साल की उपलब्धियां को बताते न कि बार-बार कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार को कोसते नजर आते । 10 साल सत्ता में रहने के बाद इस तरह की भाषण सुनने के बाद ऐसा प्रतीत होता है की हार के डर से बौखलाए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झूठ और प्रोपेगेंडा का प्रचार कर रहे हैं । प्रधानमंत्री को कम से कम अपनी गरिमा का ध्यान देकर भाषण देना चाहिए अन्यथा देश दुनिया में फजीहत कराने के लिए कुछ भी करें।