भारत में घुसा मंकीपॉक्स, पहले केस की पुष्टि ,कितना खतरनाक है ये वायरस - तहक़ीकात समाचार

ब्रेकिंग न्यूज़

Post Top Ad

Responsive Ads Here

मंगलवार, 10 सितंबर 2024

भारत में घुसा मंकीपॉक्स, पहले केस की पुष्टि ,कितना खतरनाक है ये वायरस

दुनिया अभी तक कोरोना वायरस महामारी से पूरी तरह उबर नहीं थी है कि इसी बीच एक और नए वायरस ने दस्तक दी है. मंकीपॉक्स ने दुनिया के कई देशों के लिए खतरे की घंटी बजाई है. मंकीपॉक्स के पहले मामले की भारत में भी पुष्टि हो गई है.
भारत में भी मंकीपॉक्स की दस्तक:  मंकीपॉक्स का वायरस दुनिया के कई देशों में दहशत फैला चुका है. अब इसने भारत में भी दस्तक दे दी है. भारत में मंकीपॉक्स के पहले मामले की पुष्टि हो गई है. केंद्र सरकार ने एमपॉक्स के पहले मामले की पुष्टि कर दी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एमपॉक्स को लेकर एहतियात बरतने के लिए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को एडवायजरी भी जारी की है.मंकीपॉक्स की चपेट में आया विदेश से लौटा शख्स: एमपॉक्स वायरस की चपेट में आए विदेश से लौटे एक शख्स को अस्पताल में अइसोलेशन में रखा गया है. संक्रमण की पुष्टि उसके नमूनों की जांच से हुई है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि फिलहाल चिंता की कोई बात नहीं है. केंद्र ने कहा कि एक मरीज, जो हाल ही में मंकीपॉक्स संक्रमण से जूझ रहे देश से आया था, उसकी पहचान एमपॉक्स के मामले के रूप में की गई है


भारत में भी मंकीपॉक्स की दस्तक:  मंकीपॉक्स का वायरस दुनिया के कई देशों में दहशत फैला चुका है. अब इसने भारत में भी दस्तक दे दी है. भारत में मंकीपॉक्स के पहले मामले की पुष्टि हो गई है. केंद्र सरकार ने एमपॉक्स के पहले मामले की पुष्टि कर दी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एमपॉक्स को लेकर एहतियात बरतने के लिए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को एडवायजरी भी जारी की है.

WHO ने हेल्थ इमरजेंसी घोषित की: WHO ने मई 2023 में आखिरी एमपॉक्स वैश्विक आपातकाल घोषित किया था. मंकीपॉक्स दुनिया भर के अलग-अलग देशों में फैला है. समय बीतने के साथ-साथ ये और घातक होता जा रहा है. कहा जा रहा है कि इस वायरस से अभी तक 600 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. 


मंकीपॉक्स से भारत को कितना खतरा ; स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सोमवार को कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि मंकीपॉक्स वायरस (एमपीएक्सवी) के महामारी का रूप लेने की संभावना बहुत कम है. एम्स नई दिल्ली में सामुदायिक चिकित्सा केंद्र के अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. हर्षल आर. साल्वे ने आईएएनएस को बताया, "घबराने की कोई जरूरत नहीं है. मानता हूं कि मृत्यु दर अब भी अधिक है, लेकिन संक्रमण केवल करीबी संपर्कों के मामलों में ही संभव है."

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages