SDM भानपुर पर राजनीतिक दबाव में मत्स्य पालन के पोखरे का पट्टा रोके जाने का आरोप - तहक़ीकात समाचार

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बुधवार, 11 दिसंबर 2024

SDM भानपुर पर राजनीतिक दबाव में मत्स्य पालन के पोखरे का पट्टा रोके जाने का आरोप

भानपुर में राजनीतिक दबाव में मत्स्य पालन के पोखरे पर पट्टा लगाने का आरोप !


SDM भानपुर पर राजनीतिक दबाव में मत्स्य पालन के पोखरे का पट्टा रोके जाने का आरोप

बस्ती- जनपद के भानपुर तहसील क्षेत्र के रेंगी निवासी अशोक कुमार चौधरी पुत्र जगराम चौधरी प्रमुख सचिव(राजस्व) को शिकायती पत्र देकर उपजिलाधिकारी भानपुर आशुतोष तिवारी पर राजनीतिक दबाव में मत्स्य पालन के पट्टे को रोकने का आरोप लगाया है । प्रमुख सचिव को दिए गए शिकायत पत्र में अशोक चौधरी ने बताया कि तहसील भानपुर के द्वारा जुलाई माह 2024 में विज्ञप्ति निकलवाई गई थी कि तहसील भानपुर क्षेत्र के विभिन्न ग्राम पंचायतो के तालाबो के पट्टा हेतु आवेदन दिए गए नियत तिथि को होगा। जिसमें हमारे ग्राम पंचायत रेंगी के तालाब गाटा संख्या, 182 क, रकबा 489 ईयर का भी नाम न्यूज़ पेपर के विज्ञप्ति में क्रमांक संख्या 17 पर था जिसकी नियत आवेदन तिथि 14/08/2024 होना था जिसकी छाया प्रति संलग्न है। जिसके क्रम में दिनांक 14.8.2024 को सुबह 10:00 मैं तहसील भानपुर गया और संबंधित कागजों और बंधक राशि ₹5000 के साथ पोखर के पट्टे के लिए आवेदन कर दिया शाम तक ग्रामपंचात के और किसी व्यक्ति द्वारा कोई आवेदन नहीं किया गया। फिर शाम को बताया गया कि आप कल आइए आगे की जो भी कागजी कार्रवाई है और लगान शुल्क आदि कल जमा करा दिया जाएगा। जब 15/08/2024 को मै तहसील भानपुर गया तो उपजिलाधिकारी के माध्यम से बताया गया कि उक्त तालाब का पट्टा न किए जाने के संबंध में खंड विकास अधिकारी सल्टौवा गोपालुर के द्वारा आपत्ती आई है कि उक्त तालाब को अमृत सरोवर में चयनित किया गया है जिसके कारण का पट्टा किसी व्यक्ति को न किया जाए, इसी लिए अभी आपका आवेदन रोक दिया गया है।, खंड विकास अधिकारी के पत्र की जांच के लिए मैं नायब तहसीलदार को दे दिया हूं जैसे जांच आख्या आएगी उसके अनुसार मैं आगे की कार्रवाई करूंगा। शिकायतकर्ता ने कहा तब से लेकर आज तक हमको तहसील ब्लाक का चक्कर लगाना पड़ रहा है कई बार सम्पूर्ण समाधान दिवस में पत्र दिया और मैं जन सूचना अधिनियम के तहत भी सूचना मांगा की क्या कोई शासनादेश है कि अमृतसर सरोवर में चयनित तालाब का पट्टा नहीं हो सकता जिसकी जानकारी आज तक नहीं दिया गया और ना ही हमारा पट्टा किया जा रहा है। 

शिकायतकर्ता ने कहा कि अमृत सरोवर में गाटा संख्या 181 क चयनित था तो विज्ञप्ति क्यों निकाली गई , जबकि खंड विकास अधिकारी के आख्या के अनुसार अमृत सरोवर में चयनित तालाब का गाटा संख्या का और नाम का जिक्र नहीं किया गया है और जो रकवा दिखाया गया है वह लगभग 900 ईयर का है और गाटा संख्या 181 क न कोई कार्य हुआ न ही कोई भुगतान हुआ है जिससे स्पष्ट होता है जो अमृत सरोवर में तालाब चयनित किया गया है वह ग्राम पंचायत का दूसरा कोई तालाब है । शिकायतकर्ता ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उपजिलाधिकारी भानपुर और खण्ड विकास अधिकारी सल्टौवा द्वारा राजनीतिक दबाव में अपने पद का दुरुपयोग करके सरकार के राजस्व का नुकसान कर रहे हैं । 
शिकायतकर्ता ने मांग की और कहा कि नियमानुसार उनके पट्टे का चयन हुआ है लेकिन राजनीतिक दबाव और द्वेष की भावना से उनके पट्टे को रद्द करने की कोशिश की जा रही है । उन्होंने मांग किया कि संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया जाए कि नियमानुसार जो पट्टा हुआ है उसे स्वीकृति प्रदान की जाए।

इस मामले में उपजिलाधिकारी के सीओजी नंबर पर जब  मामले की जानकारी के लिए कॉल किया गया तो उसपर कॉल नहीं लगा।

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